भगवान विष्णु ने सपने में राजा को दिए दर्शन और फिर बन गया भारत का यह प्रसिद्ध मंदिर!
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Anyshorts
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Tirumala Temple: तिरुमाला मंदिर, जिसे श्री वेंकटेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, भारत के आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के तिरुमाला शहर में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह भगवान विष्णु के अवतार भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है, और यह दुनिया के सबसे अधिक देखे जाने वाले तीर्थ स्थलों में से एक है।
तिरुमाला मंदिर (Tirumala Temple) का इतिहास
तिरुमाला मंदिर (Tirumala Temple) का इतिहास प्राचीन काल का है। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण चोल वंश द्वारा 10वीं शताब्दी के दौरान किया गया था। हालांकि, मंदिर की सही उत्पत्ति ज्ञात नहीं है। किंवदंती के अनुसार, भगवान विष्णु ने सपने में थोंडाइमन नाम के एक स्थानीय राजा को दर्शन दिए और उनसे तिरुमाला की पहाड़ियों पर उनके सम्मान में एक मंदिर बनाने के लिए कहा। राजा ने भगवान विष्णु की इच्छा के अनुसार मंदिर का निर्माण किया और तब से मंदिर वहीं खड़ा है।
तिरुमाला मंदिर (Tirumala Temple) की वास्तुकला
तिरुमाला मंदिर (Tirumala Temple) द्रविड़ वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसकी विशेषता इसकी जटिल नक्काशी, ऊंचे गोपुरम (टॉवर) और बड़े आंगन हैं। मंदिर परिसर में 26 एकड़ से अधिक का क्षेत्र शामिल है और इसमें कई इमारतें हैं, जिनमें मुख्य मंदिर, कई छोटे मंदिर और अन्य सुविधाएं शामिल हैं।
मुख्य मंदिर भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है और समुद्र तल से 2,800 फीट की ऊंचाई पर तिरुमाला पहाड़ियों की सातवीं चोटी के ऊपर बनाया गया है। मंदिर का टॉवर, या गोपुरम, 50 मीटर ऊँचा है और सोने की परत चढ़े तांबे से बना है। आंतरिक गर्भगृह, या गर्भगृह में भगवान वेंकटेश्वर की मूर्ति है, जो काले ग्रेनाइट से बनी है और लगभग 8 फीट लंबी है।
मंदिर में कई अन्य इमारतें भी हैं, जिनमें एक विशाल भोजन कक्ष, एक संग्रहालय और तीर्थयात्रियों के लिए कई गेस्ट हाउस शामिल हैं। यह मंदिर अपने शानदार कल्याण मंडपम के लिए भी प्रसिद्ध है, जहां भगवान वेंकटेश्वर और उनकी पत्नी पद्मावती का आकाशीय विवाह प्रतिदिन होता है।
भारत का सबसे लोकप्रिय तीर्थ स्थल
तिरुमाला मंदिर (Tirumala Temple) भारत के सबसे लोकप्रिय तीर्थ स्थलों में से एक है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु मंदिर आते हैं। मंदिर जाति, पंथ या धर्म के बावजूद सभी के लिए खुला है। भगवान वेंकटेश्वर का आशीर्वाद लेने और अपनी प्रार्थना करने के लिए दुनिया भर से भक्त आते हैं।
मंदिर अपने विस्तृत अनुष्ठानों के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें भगवान वेंकटेश्वर की मूर्ति की दैनिक पूजा भी शामिल है, जो दिन में छह बार की जाती है। मंदिर में वार्षिक ब्रह्मोत्सवम सहित कई त्यौहार भी हैं, जो नौ दिनों तक चलते हैं और बड़े उत्साह और उत्साह के साथ मनाए जाते हैं।
मंदिर अपने लड्डू प्रसादम के लिए भी जाना जाता है, जो आटे, चीनी और घी से बनी मिठाई है, जिसे भक्तों को प्रसाद के रूप में दिया जाता है। लड्डू को बहुत शुभ माना जाता है, और भक्त अक्सर इसे घर वापस ले जाने के लिए बड़ी मात्रा में खरीदते हैं।
निष्कर्ष
तिरुमाला मंदिर (Tirumala Temple) न केवल एक पूजा स्थल है बल्कि एक सांस्कृतिक विरासत स्थल भी है। यह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है और यहां के लोगों की भक्ति का प्रमाण है। भारतीय कला, वास्तुकला और संस्कृति में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए मंदिर अवश्य जाना चाहिए।
अपनी भव्यता और आध्यात्मिक आभा के साथ, यह एक ऐसा स्थान है जो यहां आने वाले किसी भी व्यक्ति पर अपनी अमिट छाप छोड़ता है।
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