India’s New Parliament: भारत का नया पार्लियामेंट हाऊस बन कर तयार पूरा हो चुका है, इसका उद्घघटन 28 मई (रविवार) 2023 को होगा और यह एक प्रभावशाली संरचना होगी जो पारदर्शिता, दक्षता और नवीनता का प्रतीक होगी। नई इमारत को 1,224 सांसदों की क्षमता के साथ आधुनिक बुनियादी ढांचा सुविधाएं और उत्तम स्थान उपयोग प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
कितना खास है यह पार्लियामेंट?
नया पार्लियामेंट हाऊस वर्तमान की तुलना में बड़ा, अधिक अत्याधुनिक, टिकाऊ, कुशल और प्रौद्योगिकी-सक्षम होगा। नए भवन में आधुनिक तकनीकी सुविधाएं जैसे डिजिटल इंटरफेस और उन्नत ऑडियो-विजुअल उपकरण होंगे ताकि संसद अपने कार्यों में अधिक प्रभावी हो सके।
इसके अलावा, नई इमारत में एक भव्य केंद्रीय आंगन भी होगा जो भारत की विविध सांस्कृतिक और स्थापत्य विरासत को प्रतिबिंबित करेगा और नागरिकों के लिए एक स्वागत योग्य और संवादात्मक वातावरण प्रदान करेगा।
लोकसभा और राज्यसभा के अलग-अलग कक्ष होंगे और एक बड़े सेरेमोनियल हॉल के माध्यम से आपस में जुड़े होंगे जो केंद्रीय प्रांगण को देखेगा।
दोनों कक्षों में वीडियो वॉल, एकॉस्टिक सिस्टम और वोटिंग सिस्टम जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी। इसके अतिरिक्त, सुविधा में लाउंज, समिति कक्ष, खानपान सुविधाएं, मीडिया केंद्र और पार्किंग स्थान भी शामिल होंगे।
निर्माण के लिए बजट
आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार, नए पार्लियामेंट हाऊस की लागत लगभग 862 करोड़ रुपये आंकी गई है। सरकार सेंट्रल विस्टा डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (सीवीडीसी) नामक एक विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) के माध्यम से निर्माण को निधि देने की योजना बना रही है।
एक नए युग की शुरुआत
जैसे ही 28 मई, 2023 को सूरज उगता है, भारत के नई दिल्ली में यमुना नदी के तट पर एक भव्य वास्तुशिल्प कृति की शुरुआत होगी। भारत के नए पार्लियामेंट हाऊस का उद्घाटन एक ऐतिहासिक क्षण का प्रतीक होगा, एक ऐसी संरचना में परंपरा और नवाचार का सम्मिश्रण है जो देश की प्रगतिशील भावना का प्रतिनिधित्व करता है।
विशनरी आर्किटेक्ट बिमल पटेल द्वारा डिज़ाइन किया गया और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से प्रेरित है। इसका कॉन्ट्रैक्ट टाटा कोटर्स लिमिटेड को दिया गया था। नया पार्लियामेंट हाऊस प्राचीन ज्ञान और कंटेंप्रेटी डिजाइन का एक हार्मेनियस फ्यूजन है।
इसका अग्रभाग पारंपरिक भारतीय वास्तुकला की जटिल शिल्प कौशलता को दर्शाता है, जो भारत के विविध इतिहास और संस्कृति की कहानियों को बताने वाले नाजुक रूपांकनों से सुशोभित है।
दोनों भवनों की तुलना
कार्यक्षमता, सौंदर्यशास्त्र और पर्यावरण के प्रदर्शन के मामले में नई पार्लियामेंट हाऊस वर्तमान सुविधा पर एक बड़ा सुधार होने की उम्मीद है। वर्तमान पार्लियामेंट हाऊस 90 से अधिक वर्षों से उपयोग में है, और इसमें आधुनिक तकनीकी और सुरक्षा सुविधाओं का अभाव है। उदाहरण के लिए, इमारत आग के खतरों से ग्रस्त है, और बिजली के तारों को मोडरनाइजेशन की जरूरत है।
नए पार्लियामेंट हाऊस को सोलर पैनल, रेन वाटर हार्वेस्टिंग और नैचुरल वेंटिलेशन जैसी सुविधाओं के साथ ऊर्जा-कुशल और टिकाऊ होने के लिए डिज़ाइन किया गया है। नई इमारत से मौजूदा सुविधा की तुलना में ऊर्जा की खपत में 75% से अधिक की कमी आने की उम्मीद है।
नया पार्लियामेंट हाऊस तेज और सुगम निर्णय लेने में भी सक्षम होगा, क्योंकि कक्ष आधुनिक डिजिटल बुनियादी ढांचे से जुड़े होंगे। वर्तमान भवन में ऐसी सुविधाओं का अभाव है, जिससे कई बार संसदीय कार्यवाही में व्यवधान उत्पन्न होता है।
निष्कर्ष
नया पार्लियामेंट हाऊस (India’s New Parliament) भारत के आधुनिकीकरण की एक ऐतिहासिक संरचना बनने के लिए तैयार है, जो देश की प्रगति और लोगों की आकांक्षाओं के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
नई सुविधा बदलते समय के साथ चलने के लिए बहुत जरूरी इंस्फ्रेटक्चर और टेक्नोलिजी फैसिलिटीज प्रदान करेगी। नई सुविधा के निर्माण के लिए सरकार की पहल से संसदीय प्रणाली के कामकाज में बेहतर शासन और दक्षता का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद है।
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