On the Spot Insurance: परिवहन मंत्रालय बिना इंश्योरेंस (Insurance) वाले वाहनों पर नकेल कसने के लिए बड़े बदलाव की पूरी तैयारी में है. इसका कारण यह है कि वजह है कि मोटर इंश्योरेंस (Motor Insurance) भारत के लोग बहुत ज्यादा लापरवाह हैं. आंकड़ों के अनुसार भारत में लगभग 50% वाहन बिना इंश्योरेंस कराए ही सड़क पर चल रहे हैं.
ऐसी वाहनों के साथ यह परेशानी है कि यदि यह किसी वाहन दुर्घटना का शिकार होते हैं तो इंश्योरेंस ना होने के कारण पीड़ित व्यक्ति को हादसे की भरपाई करने के लिए पैसे नहीं मिल पाते. यही वजह है कि सभी वाहनों का लगभग थर्ड पार्टी बीमा (Third Party Insurance) होना अनिवार्य किया गया है.
क्या है ‘ऑन द स्पॉट’ (On the Spot Insurance) इंश्योरेंस
बिना इंश्योरेंस के सड़कों पर चलने वाली गाड़ियों का अब ‘ऑन द स्पॉट’ इंश्योरेंस (On the Spot Insurance) कर दिया जाएगा. सरकार जल्द ही मोटर इंश्योरेंस (Motor Insurance) के नियमों में बदलाव करने वाली है. जिन वाहनों के पास मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी नहीं है, उन्हें ट्रैफिक चेकिंग के दौरान पकड़े जाने पर तुरंत मोटर इंश्योरेंस लेना पड़ेगा. पकड़े गए वाहन चालकों से उसी समय पैसा भी वसूल लिया जाएगा.
इस मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी (Motor Insurance Policy) के पैसे फास्टैग द्वारा कटेंगे. नए नियम लागू होने पर वाहन चालकों के लिए बिना इंश्योरेंस लिए सड़क पर वाहन ले जाना पूरी तरह मुश्किल हो जाएगा. सरकार का यह कदम सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए तुरंत फंड उपलब्ध कराएगा. इस प्रकार सड़क दुर्घटना में होने वाली मृत्यु दर भी घटेगी.
कार बाइक के इंश्योरेंस के बदलेंगे नियम!
सड़क पर वाहन चलाने के लिए उसका इंश्योरेंस का होना बहुत ही आवश्यक है. यदि कोई वाहन बिना मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी के सड़क पर चल रहा है तो नियमों के अनुसार उसका चालान कट सकता है. इस नियम में संशोधन के बाद ऐसा पॉसिबल है कि जुर्माने के साथ-साथ ‘ऑन द स्पॉट’ मोटर व्हीकल्स इंश्योरेंस (Motor Vehicle Insurance) भी खरीदना पड़े. ‘ऑन द स्पॉट’ मोटर व्हीकल्स इंश्योरेंस के लिए बीमा की रकम फास्टैग से काटी जाएगी.
कैसे काम करेगा यह नियम?
भारत सरकार अब ऐसी योजना बना रही है जिसकी वजह से पुलिस और ट्रांसपोर्ट विभाग के ऑफिसर एक उपकरण की हेल्प से सड़क पर बिना बीमा के चलते वाहन का तुरंत थर्ड पार्टी बीमा कराएंगे. जिसके लिए सड़क और राजमार्ग मंत्रालय के वाहन ऐप की सहायता ली जाएगी.
इस ऐप के जरिए पकड़े गए वाहन की पूरी जानकारी मिल जाएगी. यदि इसमें यह पाया गया कि वाहन का इंश्योरेंस नहीं हुआ तो तुरंत वाहन मालिक को मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने के लिए कहा जाएगा. इसमें इंश्योरेंस के पैसे फास्टैग (Fastag) से चुकाने का विकल्प दिया जाएगा.
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इंश्योरेंस कंपनियों को फास्टैग प्लेटफॉर्म पर लाया जाएगा!
इस नए नियम को लागू करने के लिए मोटर इंश्योरेंस कंपनियों को फास्टैग प्लेटफॉर्म पर लाया जा सकता है. इसके जरिए फास्टैग में मौजूद रकम से प्रीमियम की कटौती होगी. जनरल इंश्योरेंस काउंसिल के एक ऑफिसर के अनुसार, बैठक में नए नियम के परिपालन के लिए सिफारिशें तैयार हो रही हैं और आने वाले 17 मार्च को इस पर बैठक की जाएगी.
इसके अलावा सभी राज्य सरकारों से मिलकर इस नियम को लागू करने के तरीकों पर विचार किया जाएगा. जिससे सारी इंश्योरेंस कंपनियां (Insurance Company) बिना रुकावट के इसे लागू कर सकें. थर्ड पार्टी इंश्योरेंस (Third Party Insurance) के लिए प्रीमियम वाहनों के आकार पर निर्भर है.
आपको बता दें कि 1000cc-यात्री वाहनों के लिए ₹2,072 से लेकर 1000-1500cc वाहनों के लिए ₹3,221 और 1,500cc इंजन वाले वाहनों के लिए ₹7,890 रुपये तक का इंश्योरेंस मौजूद है.
पकड़े गए वाहनों को मिलता है शॉर्ट टर्म बीमा (Short Term Insurance)
आपको बता दें कि भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने पहले से ही बिना इंश्योरेंस के पकड़े गए वाहनों के लिए अस्थिर या शॉर्ट टर्म इंश्योरेंस लागू करने की स्वीकृति इंश्योरेंस कंपनियों को दी हुई है. हालांकि नया नियम आने के बाद इसे थर्ड पार्टी इंश्योरेंस उपलब्ध कराने की पॉलिसी से तब्दील कर दिया जाएगा.
इसके लिए फिलहाल कानूनी रुकावटों को दूर करने पर चर्चा हो रही है. यदि आवश्यकता हुई तो बीमा नियमों और मोटर व्हीकल्स एक्ट में संशोधन करके इसे लागू कर दिया जाएगा.
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